
आज़ाद हिंन्द फौज में नेताजी सुभाष चन्द
बोस की सहयोगी ,रानी झाँसी ब्रिगेड की
कैप्टन डा.लक्ष्मी सहगल जीवन का शतक
पूरा नहीं कर सकी । 98वर्ष की आयु में अपनी
लम्बी पारी खेल कर कैप्टन आउट हो गई।
24.10.1914 को मद्रास में जन्मी लक्ष्मी 1938
में ऍम.बी .बी .एस .कर डाक्टर बनी और 1940
में सिंगापूर चली गयी ।1943में नेताजी से वही
पर उनकी मुलाकात हुई और स्वतन्त्रता सैनानी
माता पिता की संतान भी आज़ादी की लडाई में
कूद पड़ी । आज़ाद भारत में पति श्री पी.के.सहगल
के साथ कानपूर आकर समाज सेवा और गरीब ,
मजदूरों को संगठित करने में जुट गई ।डाक्टर
सहगल ने डा.कलाम के सामने राष्ट्रपति पद पर
चुनाव लड़ कर अपना सांकेतिक विरोध भी दर्ज
कराया था । आज़ादी की वो लौ 23.07.2012 को
पंचतत्व में विलीन हो गई ।
जय लोक मंगल परिवार एवं सर्वभाषा संस्कृति
समन्वय समिति की हार्दिक श्रद्धांजलि
रजनी कान्त शर्मा "राजू"